Friday, March 4, 2011

स्वांत:सुखाय देवभूमि केरल यात्रा


केरल यात्रा (Keral Tour)
२४ जनवरी को लगभग २ बजे अपरान्ह पौराणिक कथाओं में भगवान परशुराम की तप स्थली केरल के कोचीन एअरपोर्ट पहुँचा कोचीन एअरपोर्ट मानव निर्मित विलिंगडन द्वीप (Willingdon Island) पर है जिसे अंग्रेजों ने समुद् से निकाली गई मिट्टी से 1920 में बनाया था। कोच्चि के इस हिस्से में कोंकण रेलवे का कोचीन रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डा और भारतीय नौ सेना के कार्यालय आते हैं।प्लेन से कोचीन का नजारा शहर हरा भरा ,सचमुच ईश्वर की धरती लग रहा था प्रकृति ने जीभर कर अपने नज़ारे यहाँ सुलभ किये हैं आदमी भी सरल अच्छे , चाय, रबड़, कॉफी, इलायची, सुपाड़ी, काजू, केला, गन्ना, अमरूद, काली मिर्च, अदरख, विभिन्न सब्जियों और मसालों के पेड़ों की न खत्म होने वाली श्रृंखला ने इस पूरी जमीन को ही जैसे हरियाली की चादर ओढ़ा दी है। इससे भी लगता है कि ईश्वर संतुष्ट नहीं हुआ तो उसने केरल में नदियों का जाल बिछा दिया।कुल मिलाकर इस छोटे से प्रदेश में 44 नदियां हैं , मसाले,आयुर्वेद मसाज , मार्शलआर्ट, कथकली हाउसबोट के अद्भुत दृश्य हैं .
 केरल की ऋतुओं को तीन भागों में बाँट सकते हैं - पश्चिमी वर्षा काल (जून-सितंबर), पूर्वी वर्षा काल (अक्तूबर - दिसंबर), ग्रीष्म काल (जनवरी - मई) । ग्रीष्म को पुनः दो भागों में बाँट सकते हैं - जनवरी - फरवरी और मार्च - मई । फरवरी की सर्दी नाम मात्र की होती है । यहाँ तापमान 22 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं जाता है । मार्च से मई तक कस कर गर्मी पड़ती है । केरल के समुद्र तटीय क्षेत्र का तापमान कभी भी 17.5 डिग्री सेल्सियस से कम नहीं हुआ है । (5) गर्मी के मौसम का औसत तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और 38 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है ।पहनावा, खाना, में भी रोमांचक भिन्नता है । केरल के इस दस दिनी प्रवास में हमने मुन्नार के हरे भरे बागानों और बैकवाटर  की यात्रा सबसे अधिक भाई। मुन्नार से थेक्कड़ी का हरियाली से भरपूर रास्ता अभूतपूर्व सुंदरता लिए हुए था। कोचीन और उसके बाजार हमारी अपेक्षाओं से थोड़े कमतर निकले।
होटल में तथा ड्राईबर  द्वारा जबतब आगाह किया जाता रहा कि बगल के प्रांत के रहनेवालों से सावधान  रहें



होटल की छोटी मिनी बस 



हार्बर ब्यू रेसीडेंसी कोची होटल  पहुँचा Harbour View Residency
Opp. Cochin Shipyard, M.G.Road, Cochin - 682015


रिसेप्सन



                                                                                                    बेड़ रूम
होटल बिल्डिंग
                                                                            बेड़ रूम

जहाँ से फ्रेश होने के बाद मेरीन ड्राइव  जिसके किनारे रास्ते में पुल के नीचे से गंदा नाला मिलता है जिससे इतनी ज्यादा बदबू थी कि मेरीन ड्राइव का आनंद लेना कठिन था


मेरीन ड्राइव समुद्र थोड़ा गंदा था



मेरीन ड्राइव शाम का दृश्य

मेरीन ड्राइव किनारे लोग चहलकदमी करते हुए ,हाकर यहावहाँ  अपना सामान बेच रहे हैं  
मेरीन ड्राइव 






मेरीन ड्राइव 

मेरीन ड्राइव 
 रात में उक्त होटल के  टू ट्री रेस्टोरेंट में डिनर  दो छोटे-छोटे पेड़ बीच में हैं जिसके कारण इसका नामकरण है टू ट्री रेस्टोरेंट

टू ट्री रेस्टोरेंट

२५ जनवरी को मन्नार के लिए उक्त बस से प्रस्थान।१४० कि० मी० का सफ़र है
कोचीन से गुजरते हुए एक मंदिर में पूजा का दृश्य

सफ़र के दरम्यान जहाँ ब्रेकफास्ट किया ,उसके बाहर इमली के पेड़ से इमली लेते हुए    इमली के पेड़ के फल तना से लेकर ऊपर तक और बहुतायत में तथा सर्वसुलभ

रास्ते में  रबर   गार्डेन,पाइन एप्पल के खेत , और मसालों के बाग़
थेकेडी इलाके में मसालों के उद्यान लगाए गए हैं जिनका उद्देश्‍य मसाला उत्‍पादन कम है वरन नर्सरी के रूप में एक ही जगह अलग अलग मसालों के चंद पौधे उगाकर उन्‍हें पर्यटकों को दिखाकर उनके विषय में बताना तथा फिर मसाने बेचना, मूल उद्देश्‍य है। इस यात्रा में एक उद्यान में हम गए...सौ रुपए प्रतिव्‍यक्ति की एंट्री फीस अधिक तो लगी (इसका अधिकांश हिस्‍सा उस ड्राइवर को चुपचाप दे दिया जाता हे जो पर्यटकों को ला ता है। नर्सरी मालिक की आमदनी उस बिक्री से होती है जो इन पर्यटकों को मसाले बेचने से होती है)।

रबड़ का पेड़









पाइन एप्पल


पाइन एप्पल




इलायचीका खेत

तेजपत्ता  




मसालों के बाग़ जिन मसालों को हम खाते हैं उनके प्राकृतिक रूप अविस्मर्णीय है  उत्‍पादनों का आनंद तो हम अपने खाने में लेते हैं लेकिन इन पौधों तथा उस प्रक्रिया से अनजान थे जिनसे ये मसाले बनते हैं- सबसे दिलचस्प पेड़ चाकलेट का लगा इसके बाद काली मिर्च,व लाल केला




पर्यटन सेक्टर की मशहूर वेबसाइट 'ट्रिप अडवाइजर' ने केरल के मन्नार को एशिया में दूसरे नंबर के खूबसूरत डेस्टिनेशन से नवाजा है। तोक्यो को एशिया के खूबसूरत जगहों में पहले नंबर पर और कंबोडिया के सीएम रीप स्थल को तीसरे नंबर पर रखा है। टॉप 25 खूबसूरत स्थलों की लिस्ट में अंडमान निकोबार द्वीप समूह को छठे नंबर पर, मनाली सातवें नंबर पर, हम्पी आठवें, गोवा नौवें और उदयपुर 12वें नंबर पर है। सिक्किम की राजधानी गंगटोक को 19वां, बेंगलुरु को 20वां और हिमाचल में धर्मशाला को 22 वां स्थान मिला है। जापान के ही क्योटो चौथे और नाहा पांचवें नंबर पर हैं। सिंगापुर को 14वें पायदान पर जगह मिली है।

मन्नार(केरल का कश्मीर) के होटल माउन्टेन ट्रेल में बिश्राम !!



होटल की बालकनी से जंगल और पहाड़

होटल की बालकनी से जंगल और पहाड़

होटल की बालकनी से जंगल और पहाड़

होटल की बालकनी से जंगल और पहाड़

होटल की बालकनी से जंगल और पहाड़

होटल की बालकनी से जंगल और पहाड़

उक्त होटल का कमरा
बालकनी






होटल से सूर्यास्त का दृश्य
रात्रि में अलाव का आनंद.    होटल की तरफ से बॉन फॉयर (Bon Fire) का इंतजाम था।






२६ जनवरी को झंडारोहण


होटल का एक कोना


बाँध.








टी गार्डेन..पहाड़ की कोई ढलान शायद ही बची थी जहाँ चाय के पौधों की कालीननुमा पट्टियाँ ना दिखती हों।







हांथी की सवारी,






 शाम को एक ग्राम  में मंदिर के पास दही हांडी का प्रसिद्ध खेल।इस खेल में स्थानीय लोगों ने कुछ परिवर्तन किये हैं । एक नजर में आसान खेल पर  मेरे सामने ही तीन चार लोग असफल रहे ।शायद इसकी वजह पट्टी बंधे  आदमी को भेजने  के पहले अपनी गोद में चार पांच बार घुमाना था जिससे वह दिग्भ्रमित हो जाता था

 रात्रि में उक्त होटल में लंच व बिश्राम!!
२७ को थेकेडी  के होटल ग्रीनवुड में बिश्राम !!



होटल का डाईनिंग   हाल

मसाज, 
इतना घूमने के बाद भी स्पा या आयुर्वेदिक मसाज के प्रति कोई उत्साह मेरे भीतर नहीं जागा था, पहली बार केरल जाकर भी नहीं। आयुर्वेद को भुनाने को लेकर हाल में जिस तरह की होड शुरू हुई है, उसमें यह पता लगाना जरूरी हो जाता है कि आप जहां जा रहे हैं, वहां आपको आयुर्वेद के नाम पर ठगा और लूटा तो नहीं जा रहा। क्योंकि अव्वल तो वैसे ही ये पैकेज महंगे होते हैं, दूसरी ओर सामान्य अपेक्षा यह होती है कि आप कुछ दिन रुककर पूरा ट्रीटमेंट लें, तो खर्च उसी अनुपात में बढ जाता है।

कत्थकली डांस,

मार्शल आर्ट





जंगल में ट्रेकिंग ,सबरमाला मंदिर ब्यू इत्यादि देखा गया








जंगल में दूर हाथी को देखते हुए.जानवरों के नाम पर तो हमें निराशा ही हाथ लगी, केवल कुछेक हाथी  और हाथी के बच्चों  के अलावा हमे कुछ खास दिखाई नहीं दिया


जंगल में हाथी के लीद की बिवेचना करते हुए जिससे यह सिद्ध होता है कि हाथी कितना समय पहले यहाँ से गया होगा


जंगल में हाथी के लीद को देखते हुए


जंगल में ब्रेकफास्ट और लंच रूम का गेट

जंगल में ब्रेकफास्ट और लंच रूम का गेट

जंगल में ब्रेकफास्ट और लंच रूम का गेट

जंगल में ब्रेकफास्ट और लंच रूम के बाहर एक पेड़ और उसके फल



एलेप्पी में हाउसबोट  में शाम व रात्रि । लंच,डिनर व दूसरे दिन का ब्रेकफास्ट  हाउसबोट  में।एलेप्पी ,एक छोटा शहर जिसे पूरब का रोम कहा जाता है, अद्भुत है।जैसे भी बना या बनाया गया है,आश्चर्यजनक है चारों तरफ पानी ,बीच में कुछ आवासीय मकान ,मंदिर ,चर्च इत्यादि ।
धान के खेत जो समुद्र तल से भी नीचे थे ,काबिले तारीफ़ हैं
छोटे बच्चे नाव चला रहे थे और उसी द्वारा जरूरी सामान ,आवागमन इत्यादि हो रहा था केरल में पतली-पतली छोटी सी नाव खूब चलती है। नदी किनारे या झील में दो फुट चौड़ी, दो-तीन फुट गहरी, 6,10 या 12 फुट लंबी नावें खूब नजर आती हैं। केरल में कहीं भी निकल जाएं सुबह या शाम किसी भी वक्त नारियल, धान के कटे हुए गट्ठर या अन्य सामान लादे हुए तैरती नाव नजर आ जाती है। इस यात्रा में कई जगह पानी की धाराएं मिलती हैं। कई जगह नहरों के दोराहे हैं तो कई जगह चौराहे। यह पूरा जलमार्ग बहुत व्यस्त है। शहरों की सड़कों पर जैसे बसें, कार, स्कूटर चलते हैं वैसे इस जलमार्ग पर स्टीमर, मोटरबोट और छोटी नावें आती-जाती हैं। रास्ते में कई घुमावदार मोड़ हैं, लेकिन कुशल स्टीमर चालक इस व्यस्त ट्रैफिक के बावजूद आसानी से स्टीमर लाते और ले जाते हैं।
शहरों में जिस तरह जगह-जगह बस स्टॉप हैं उसी तरह इस जलमार्ग पर नहर के किनारे-किनारे नाव स्टॉप हैं।
केरल नदी परिवहन प्राधिकरण ने सस्ते जल परिवहन का इंतजाम कर रक्खा है सिर्फ साढ़े छह रुपये की टिकट लेकर स्टीमर पर कोट्टायम से अलेप्पी तक सफर किया जा सकता है। करीब दो घंटे की यह यात्रा यादगार है। नहर के दोनों ओर नारियल, केले, सुपाड़ी और रबड़ के पेड़ों की अंतहीन कतार और इनके बीच में हैं धान के खेत। कुछ किमी की यात्रा के बाद यह नहर विस्तृत हो जाती है, बिल्कुल समुद्र की तरह। ऊंची-ऊंची लहरें, तेज गति से बहता चमकता-स्वच्छ पानी।
कोट्टायम है स्टीमर अड्डा
कोट्टायम केरल के लगभग मध्य में स्थित महत्वपूर्ण शहर है। कोट्टायम के लगभग बीच में ही है बोट जेटी (स्टीमर अड्डा)। यहां से अलेप्पी तक करीब 20 किमी की स्टीमर यात्रा
हाउसबोट की वालकोनी में

हाउसबोट की वालकोनी में
हाउसबोट की वालकोनी में




हाउसबोट का बेडरूम

हाउसबोट की वालकोनी

हाउसबोट    का ड्राईवर स्टीयरिंग  सम्हाले हुए


 

हाउसबोट से सूर्यास्त का दृश्य  

हाउसबोट से सूर्योदय  का दृश्य  


इसके बाद त्रिवेन्द्रम !! कीज होटल (Keys Hotel) में दो रात्रि बिश्राम !! मार्केटिंग तथा पद्मनाभं के दर्शन !!

रिसेप्सन


होटल बिल्डिंग


बेड़ रूम

पद्मनाभं स्वामी मंदिर का शीर्ष

पद्मनाभं स्वामी मंदिर का प्रवेश द्वार.पद्मनाभं स्वामी मंदिर भगवान विष्णु का मंदिर हैं। यहाँ पर रखी हुई विष्णु की प्रतिमा विश्व में विष्णु की सबसे बड़ी प्रतिमा कही जाती है। अंदर विष्णु अनंतनाग के फन की शैया पर चिरनिद्रा में लीन दिखाई देते हैं। ये मंदिर कब बना इसके बारे में पुष्ट जानकारी नहीं है। पर ऍसा वहाँ के लोग कहते हैं कि इसकी आधारशिला ईसा पूर्व 3000 में रखी गई थी और इसे बनाने में 4000 मजदूरों को मिलकर छः महिने का समय लगा था।



पद्मनाभं स्वामी मंदिर  में मूर्ति

पद्मनाभं स्वामी  के दर्शन की तैयारी. पद्मनाभं स्वामी मंदिर आस्था की दृष्टि से बेहद पवित्र माना जाता है।  दर्शन के लिए महिलाओं व पुरुषों के लिए भी वस्त्र निर्धारित है। हमें सिर्फ धोती पहननी है जो कि शायद वहाँ 25 से 30 रुपये में उपलब्ध हैअब हमने तो अपनी जिद में शादी के समय भी धोती नहीं पहनी ,तो यहाँ  क्या पहनते। सो हम बाहर ही रह गए और समाजसेवा के तौर पर लोगों के वस्त्र ,जूते,नकदी ,माल असवाब इत्यादि की देखरेख किया । वैसे मुझे इस तरह के ड्रेस कोड का औचित्य समझ नहीं आया कि धोती के आलावा बाकी के वस्त्रों में क्या खराबी है जिसे पहन कर जाने से मंदिर की पवित्रता नष्ट हो जाएगी?सर्वमान्य है कि धर्म में तर्क-वितर्क की कोई अनुमति नहीं है ,क्योंकि वह ईश्वर-प्रदत्त है

पद्मनाभं स्वामी  के दर्शन की तैयारी


त्रिवेन्द्रम में समुद्र किनारा

त्रिवेन्द्रम में समुद्र किनारा


त्रिवेन्द्रम में समुद्र किनारा

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